- मितान परंपरा -
- गउ अउ धरती महतारी के सेवा -
- सियान मन के आसीस -
वोला बिसराना नइहे ।
- खेती बँटवारा उचित नइहे -
- पुरखउती खेल अउ लोक साहित्य के चलन -
कंथली, हाना-बाना,जनउला,लोकगीत ल जादा ले जादा चलन म लाये बर परही ।
- नसा के नास अउ सापर भाव के आस -
साभारः केशवराम साहू